ओ कान्हा अब तो मुरली की मधुर सुना दो तान – सृष्टि लक्ष्मी ठाकुर Lyrics
भजन -ओ कान्हा अब तो मुरली की मधुर सुना दो तान गायिका- सृष्टि लक्ष्मी ठाकुर गायक- सनोज सागर जी तबला – वादन रामध्यान गुप्ता जी |
ओ कान्हा अब तो मुरली की मधुर सुना दो तान
मै हु तेरी प्रेम दीवानी मुझको तू पहचान
मधुर सुना दो तान
ओ कान्हा अब तो मुरली की मधुर सुना दो तान
मै हु तेरी प्रेम दीवानी मुझको तू पहचान
मधुर सुना दो तान
ओ कान्हा अब तो मुरली की मधुर सुना दो तान
हो जब से मैंने तुझ संग अपने नैना जोड़ लिए है
क्या मैया क्या बाबुल सबसे रिश्ते तोड़ दिए है
अपने मिलन को व्याकुल है ये कब से मेरे प्राण
मधुर सुना दो तान
ओ कान्हा अब तो मुरली की मधुर सुना दो तान
सागर से भी गहरे मेरे प्रेम की गहराई
लोकलाज कुल की मर्यादा सज कर मै आई
मेरी प्रीत से ये निर्मोही अब ना बनो अंजान
मधुर सुना दो तान
ओ कान्हा अब तो मुरली की मधुर सुना दो तान
मै हु तेरी प्रेम दीवानी मुझको तू पहचान
मधुर सुना दो तान
ओ कान्हा अब तो मुरली की मधुर सुना दो तान
ओ कान्हा अब तो मुरली की मधुर सुना दो तान कृष्ण भजन को सृष्टि लक्ष्मी ठाकुर ने गाया है कृष्णा भगवन के इस भजन में रामध्यान गुप्ता ने बहुत की शानदार तबला वादन किया है |
O Kanha Ab To Murali Ki Madhur Suna Do Taan Krishn Bhajan Lyrics in Hindi