kal kare so aaj kar
गुरु गोविंद दोऊ खड़े |Guru Govind Dou Khade Soulful Kabir Ji Ke Dohe – Debashis Das Gupta Lyrics
Singer | Debashis Das Gupta |
Music | Shailendra Bhartti |
Song Writer | Traditional |
गुरु गोविन्द दोऊ खड़े , काके लागूं पाए . ..२|
बलिहारी गुरु आपने , गोविन्द दियो बताय ||
कबीर….गोविन्द दियो बताय ||
यह तन विष की बेलरी , गुरु अमृत की खान ..२|
सीस दिए से गुरु मिले , वो भी सस्ता जान ||
कबीर ….वो भी सस्ता जान ||
ऐसी वाणी बोलिये , मन का आप खोये…२|
औरन को शीतल करे , आपहु शीतल होये ||
कबीर …. आपहु शीतल होये ||
बड़ा भया तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर…२||
पंथी को छाया नहीं , फल लागे अति दूर ||
कबीर….फल लागे अति दूर ||
निंदक नियरे राखिये आँगन कुटी छवाए …२||
बिन साबुन पानी बिना निर्मल करे सुभाए ||
कबीर ….निर्मल करात सुभाए ||
बुरा जो देखन मैं चला , बुरा ना मिल्या कोई…२||
जो मन देखा अपना , तो मुझसे बुरा ना कोई ||
कबीर….तो मुझसे बुरा ना कोई ||
दुःख में सुमिरन सब करे , सुख में करे न कोई …२||
जो सुख में सुमिरन करे , तो दुःख कहे को होये ||
कबीर …तो दुःख कहे को होये ||
माटी कहे कुम्हार से , तू क्या रोन्धे मोहे …२||
एक दिन ऐसा आएगा , मैं रोंधुंगी तोहे ||
कबीर …मैं रोंधुंगी तोहे ||
मालिन आवत देख के , कलियाँ करे पुकार…२||
फूले फूले चुन लिए , काल हमारी बार||
कबीर…काल हमारी बार||